The Bhagavad Gita.


The Bhagavad Gita 

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श्रीमद्भगवद्‌गीता हिन्दुओं के पवित्रतम ग्रन्थों में से एक है। महाभारत के अनुसार कुरुक्षेत्र युद्ध में भगवान श्री कृष्ण ने गीता का सन्देश अर्जुन को सुनाया था। यह महाभारत के भीष्मपर्व के अन्तर्गत दिया गया एक उपनिषद् है। भगवत गीता में एकेश्वरवाद, कर्म योग, ज्ञानयोग, भक्ति योग की बहुत सुन्दर ढंग से चर्चा हुई है। 

 श्रीमद्भगवद्‌गीता की पृष्ठभूमि महाभारत का युद्ध है। जिस प्रकार एक सामान्य मनुष्य अपने जीवन की समस्याओं में उलझकर किंकर्तव्यविमूढ़ हो जाता है और जीवन की समस्यायों से लड़ने की बजाय उससे भागने का मन बना लेता है उसी प्रकार अर्जुन जो महाभारत के महानायक थे, अपने सामने आने वाली समस्याओं से भयभीत होकर जीवन और क्षत्रिय धर्म से निराश हो गए थे, अर्जुन की तरह ही हम सभी कभी-कभी अनिश्चय की स्थिति में या तो हताश हो जाते हैं और या फिर अपनी समस्याओं से विचलित होकर भाग खड़े होते हैं। 

 भारत वर्ष के ऋषियों ने गहन विचार के पश्चात जिस ज्ञान को आत्मसात किया उसे उन्होंने वेदों का नाम दिया। इन्हीं वेदों का अंतिम भाग उपनिषद कहलाता है। मानव जीवन की विशेषता मानव को प्राप्त बौद्धिक शक्ति है और उपनिषदों में निहित ज्ञान मानव की बौद्धिकता की उच्चतम अवस्था तो है ही, अपितु बुद्धि की सीमाओं के परे मनुष्य क्या अनुभव कर सकता है उसकी एक झलक भी दिखा देता है। श्रीमद्भगवद्गीता वर्तमान में धर्म से ज्यादा जीवन के प्रति अपने दार्शनिक दृष्टिकोण को लेकर भारत में ही नहीं विदेशों में भी लोगों का ध्यान अपनी और आकर्षित कर रही है। निष्काम कर्म का गीता का संदेश प्रबंधन गुरुओं को भी लुभा रहा है।

 विश्व के सभी धर्मों की सबसे प्रसिद्ध पुस्तकों में शामिल है। गीता प्रेस गोरखपुर जैसी धार्मिक साहित्य की पुस्तकों को काफी कम मूल्य पर उपलब्ध कराने वाले प्रकाशन ने भी कई आकार में अर्थ और भाष्य के साथ श्रीमद्भगवद्गीता के प्रकाशन द्वारा इसे आम जनता तक पहुंचाने में काफी योगदान दिया है। हिंदी साहित्य मार्गदर्शन के माध्यम से भी हम सम्पूर्ण श्रीमद्‍भगवद्‍गीता प्रकाशित करेंगे, इस प्रयास के तहत हम सभी 18 अध्यायों और उनके सभी श्लोकों का सरल अनुवाद हिंदी में प्रकाशित करेंगे।

Srimad Bhagavadgita is one of the holiest texts of Hindus. According to Mahabharata, Lord Krishna told the message of Gita to Arjuna in Kurukshetra war. It is a Upanishad given under Bhishma Parva of Mahabharata. In the Bhagavad Gita, monotheism, karma yoga, jnana yoga, bhakti yoga have been discussed very beautifully. The background of Srimad Bhagavad Gita is the war of Mahabharata. Just as a normal human becomes confused by the problems of his life and makes up his mind to run away from life's problems instead of fighting him, similarly Arjuna, who was the great hero of Mahabharata, was afraid of the problems faced by him and his life and Kshatriya Disappointed with religion, just like Arjun, we all get frustrated at times in a state of uncertainty and or run away from distracting from our problems. 

 sages of India, after deep thought, imbibed the knowledge they gave to the Vedas. The last portion of these Vedas is known as Upanishad. Human life is characterized by human intellectual power and the knowledge contained in the Upanishads is not only the highest state of human intelligence, but also gives a glimpse of what man can experience beyond the limits of intellect. Shrimad Bhagwadgita is currently attracting attention of people not only in India but also abroad with her philosophical approach towards life more than religion. The Gita's message management of Nishkam Karma is also appealing to the gurus. It is included in the most famous books of all religions of the world. 

 The publication which makes books of religious literature like Geeta Press Gorakhpur available at a very low price has also contributed greatly in bringing it to the general public by publishing the Srimad Bhagavadgita in many shapes and meanings. We will also publish the entire Srimad Bhagavadgita through Hindi literature guidance, in this effort we will publish a simple translation of all 18 chapters and all their verses in Hindi.




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