Poetry : लोग आप से अंजान है

सुनो #hindi !

लोग आप से अंजान है, 

हम तो आपके जान पहचान  है,

फिर भी हम बनारस की उन गलियों से अंजना है!

हमारी तुमसे ही  पहचान है।

 बनारस के सफर में हम दोनो की नाव टूटी हुई नौका के समान है।

लोग आप से अंजान है।।


#हिंदी सुनो!

हम दोनो का "बनारस का वो सफर" एक दिन जरूर पूरा हो जाना  है, इसी खुशी में बनारस का वो प्रेम, हर गली, मोहल्ले, और कस्बे में सुनाना है, प्रेम को शब्दों से शब्दों में मिलाकर कुछ पत्र तुम्हारे लिए लिखते जाना है, यकीन मानो जब तक हमारी कलम चलेगी जब तक तुम्हारे बारे में लिखते ही जाना है। 

लोगो को प्रेम का अर्थ और परिभाषा एक नए तरीके से समझना है, अगर हम कुछ इसी तरीके से साथ रहे ना, तकदीर में कुछ अच्छा हो जाना है।


तुम को ढूंढते ढूंढते बनारस के उस गली भी एक दिन जरूर पहुंच जाना है, फिर वह पुरानी यादों को एक बार फिर ताजा करने तुमसे मिलने आना है। जो उस बार हम मिलकर नहीं कर पाए इस बार वो हर एक चीज कर जाना है। बस हमको तुम से ही मिलने बनारस आना है।



हम अपना प्रेम लोगो को इसी तरीके से दिखायेगे। जो जलते है उनको और जलायेगे। एक दिन हम दोनो अपनी कलम से बनारस पहुंच जायेंगे, इसी तरह हम दोनो अपना जीवन खुशी से बिताएगे। 

बनारस में बस जायेगे, जीवन साथ ही बितायेगे।


~ 𝐏𝐑𝐀𝐃𝐄𝐄𝐏【तथागत

@debugfinder 



Poetry : "ओए बनारस, एक मुलाकात ही काफी है"







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