Poetry : मेरा वह प्रेम बनारस को सुनाना तुम

मेरी बनारस की वो बातें बताना तुम,

बनारस से हो न तुम,

मेरा वह प्रेम बनारस को सुनाना तुम।


#हिंदी सुनो!!

बनारस का वो घाट हो, 

हम दोनों फिर से एक साथ हो,

हम दोनों के चेहरों पर इस कदर  मुस्कान हो,

बनारस के लोग देख कर परेशान हो।।

और छोटी-छोटी बातों से,

हम दोनों की बातों की शुरुआत हो ।

काश फ़िर वो पुरानी बात हो।

फिर से एक नई शुरुआत हो,

 बनारस की चाय की चुस्कीयों के साथ,

हम दोनो की  फिर से एक नई मुलाकात  हो!

हम पुराने दिनों की तरह फिर एक साथ हो।

मेरे हाथों में तुम्हारा हाथ हो,

काश फिर वो पुरानी बात हो।।


~ 𝐏𝐑𝐀𝐃𝐄𝐄𝐏【तथागत

@debugfinder 



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