रुको-रुको जरा रुको, किसी भी चीजों को मारने या उन पर निष्कर्ष निकालने से पहले थोड़ा इन बातो पर चर्चा कर लेते हैं फिर अंत में देखते हैं वास्तव में ही क्या भगवान ने ही बुराई को बनाया है।
चलो सबसे पहले यह जानने की कोशिश करते हैं "अच्छाई " और "बुराई" होती क्या है।
अच्छाई - अच्छाई से तत्व यह है कि कोई ऐसा कार्य, जो आपके लिए और समाज के लोगों के लिए अच्छा हो, जिससे किसी का नुकसान या किसी भी प्रकार का समस्या उत्पन्न ना हो।
बुराई - बुराई से तात्पर्य है कि कोई ऐसा कार्य, जो आपके लिए और समाज के लोगों के लिए बुरा हो। जिससे किसी न किसी व्यक्ति को नुकसान या समस्या का सामना करना पड़े।
मैं आशा करता हूं कि आप "अच्छाई "और "बुराई" में अंतर समझ गए होंगे। आगे चर्चा को जारी रखते हैं और कुछ सुंदर से प्रसंगों के साथ चर्चा को शुरू करते हैं।
एक दिन कॉलेज में प्रोफेसर ने विद्यर्थियों से पूछा कि इस संसार में जो कुछ भी है उसे भगवान ने ही बनाया है न?
सभी ने कहा, “हां भगवान ने ही बनाया है।“
प्रोफेसर ने कहा कि इसका मतलब ये हुआ कि बुराई भी भगवान की बनाई चीज़ ही है।
प्रोफेसर ने इतना कहा तो एक विद्यार्थी उठ खड़ा हुआ और उसने कहा कि इतनी जल्दी इस निष्कर्ष पर मत पहुंचिए सर।
प्रोफेसर ने कहा, क्यों? अभी तो सबने कहा है कि सबकुछ भगवान का ही बनाया हुआ है फिर तुम ऐसा क्यों कह रहे हो?
विद्यार्थी ने कहा कि सर, मैं आपसे छोटे-छोटे दो सवाल पूछूंगा। फिर उसके बाद आपकी बात भी मान लूंगा।
प्रोफेसर ने कहा, "तुम Shashank Shukla की तरह सवाल पर सवाल करते हो। खैर पूछो।"
विद्यार्थी ने पूछा , "सर क्या दुनिया में ठंड का कोई वजूद है?"
प्रोफेसर ने कहा, बिल्कुल है। सौ फीसदी है। हम ठंड को महसूस करते हैं।
विद्यार्थी ने कहा, "नहीं सर, ठंड कुछ है ही नहीं। ये असल में गर्मी की अनुपस्थिति का अहसास भर है। जहां गर्मी नहीं होती, वहां हम ठंड को महसूस करते हैं।"
प्रोफेसर चुप रहे।
विद्यार्थी ने फिर पूछा, "सर क्या अंधेरे का कोई अस्तित्व है?"
प्रोफेसर ने कहा, "बिल्कुल है। रात को अंधेरा होता है।"
विद्यार्थी ने कहा, "नहीं सर। अंधेरा कुछ होता ही नहीं। ये तो जहां रोशनी नहीं होती वहां अंधेरा होता है।
प्रोफेसर ने कहा, "तुम अपनी बात आगे बढ़ाओ।"
विद्यार्थी ने फिर कहा, "सर आप हमें सिर्फ LIGHT and HEAT (प्रकाश और ताप) ही पढ़ाते हैं। आप हमें कभी DARK and COLD (अंधेरा और ठंड) नहीं पढ़ाते। PHYSICS(फिजिक्स) में ऐसा कोई पाठ ही नहीं। सर, ठीक इसी तरह ईश्वर ने सिर्फ अच्छा-अच्छा बनाया है। अब जहां अच्छा नहीं होता, वहां हमें बुराई नज़र आती है। पर बुराई को ईश्वर ने नहीं बनाया। ये सिर्फ अच्छाई की अनुपस्थिति भर है।"
दरअसल दुनिया में कहीं बुराई है ही नहीं। ये सिर्फ अनुपस्थिति भर है।
ज़िंदगी में जब और जहां मौका मिले अच्छाई बांटिए। अच्छाई बढ़ेगी तो बुराई होगी ही नहीं।
धन्यवाद। अगर आपको यह पढ़कर कुछ भी समझ में आया हो तो अपनी टिप्पणी को जरूर दर्शाए, और इस अच्छाई को अपने मित्रों तक भी पहुंचाएं। जिससे कि और लोग भी अच्छाई को और अच्छाई से समझ पाया। 🌼
राधे राधे सभी को 🙏🏿
1 Comments
अगर अच्छाई की अनुपस्थिति बुराई है तो लोग बुरा को गलत और एक अच्छाई को शही क्यो मानते हैं?
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