PIL man of India ने दायर की याचिका- "सपा ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशन का किया उल्लंघन", क्या सपा की मान्यता होगी रद्द?

  • सुप्रीम कोर्ट ने अपराधियों को चुनाव लड़ने के खिलाफ याचिका पर संज्ञान लिया है I
  • अधिवक्ता अश्वनी उपाध्याय की याचिका को सुनवाई के लिए लिस्ट करने पर विचार I
  • उपाध्याय ने सपा कैंडिडेट निहाद हसन का हवाला देकर याचिका दायर की है I

भारत के पीआईएल मैन कहे जाने वाले सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अश्वनी उपाध्यायने एक बार फिर जनहित याचिका दायर क्या, इस बार यह तलवार समाजवादी पार्टी एवं कैराना विधानसभा से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी निहाल हसन पर लटकी है, इस याचिका में कहा गया है कि चुनाव उम्मीदवार तय करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का समाजवादी पार्टी ने उल्लंघन किया है और इसके लिए उसकी मान्यता खत्म की जाए

सुप्रीम कोर्ट अपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों की विस्तृत जानकारी के साथ-साथ उनके चयन का कारण पार्टी की वेबसाइट पर डालना अनिवार्य किए जाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर सकता है।

इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अश्वनी उपाध्याय ने मीडिया कर्मी से बात करते हुए बताया ” समाजवादी पार्टी ने कैराना के एक गैंगस्टर को चुनाव मैदान में उतार दिया जिस का क्रिमिनल रिकॉर्ड अपने टि्वटर अकाउंट और वेबसाइट पर सपा को जारी करना था परंतु समाजवादी पार्टी ने इसका जिक्र सार्वजनिक रूप से नहीं किया है जो कि एक प्रकार से नियमों का उल्लंघन है”

अश्वनी उपाध्याय ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट से मांग किया है कि चुनाव आयोग को आदेश दिया जाए कि वह यह सुनिश्चित करें कि हर पार्टी अपने प्रत्याशियों को दर्ज मुकदमे के बारे में प्रकाशित करें। इसके अलावा अपनी वेबसाइट पर यह जानकारी दें कि आखिर अपराधिक मुकदमे दर्ज होने के बाद भी उसे प्रत्याशी क्यों बनाया गया है।

बेंच मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन, न्यायमूर्ति एसएस बोपन्ना, और न्यायमूर्ति हिमा कोहली ने याचिकाकर्ता अधिवक्ता अश्वनी उपाध्याय ने मौजूद प्रक्रिया को ध्यान रखते हुए याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने का आग्रह किया था जिसे स्वीकृति देते हुए न्यायाधीश ने इस बात पर विचार करने का फैसला लिया है।

राजनीतिक दलों की वेबसाइट पर उम्मीदवार की आपराधिक पृष्ठभूमि से संबंधित जानकारी प्रकाशित करने के साथ ही जनहित याचिका में निर्वाचन आयोग को यह सुनिश्चित करने का निर्देशन देने का अनुरोध किया गया है कि प्रत्येक राजनीतिक व्यक्ति इस जानकारी को इलेक्ट्रॉनिक प्रिंट एवं सोशल मीडिया पर प्रकाशित करें अगर इन निर्देशों का उल्लंघन होता है तो पार्टी अध्यक्ष के खिलाफ अदालत में अवमानन याचिका दाखिल की जाए।

अभी भी हिरासत में हैं निहाद हसन।
नाहिद हसन करीब 11 महीने पहले उन पर गैंगस्टर कानून के तहत हिरासत में लिया गया था, और वह उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण में नामांकन दाखिल करने वाले पहले उम्मीदवार हैं कैराना से वे दो बार विधायक रहे परंतु 13 फरवरी 2021 को शामली पुलिस ने गैंगस्टर कानून के तहत मामला दर्ज कर उन्हें हिरासत मे लिया।

याचिका मैं आरोप लगाया है कि उन पर पहले से ही धोखाधड़ी एवं जबरन वसूली सहित कई अन्य मामले दर्ज हैं जो समाज कल्याण हेतु ठीक नहीं है।

अधिवक्ता अश्वनी कुमार दुबे के जरिए याचिका में कहा गया है, याचिकाकर्ता भारत के निर्वाचन आयोग को यह निर्देशन देने का अनुरोध करता है कि उस दल का पंजीकरण रद्द किया जाए जो उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का उल्लंघन करता है। याचिका में दावा किया गया है कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान न केवल बड़ी मात्रा में अवैध धन का उपयोग हस्तक्षेप करने के लिए किया जाता है बल्कि मतदाताओं की प्रतिद्वंदी प्रत्याशी को धमकाया भी जाता है।

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