भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है, और भारत का सर्वोच्च राजनीतिक पद 'राष्ट्रपति' पद को माना जाता है । अभी के तत्कालीन राष्ट्रपति महामहिम रामनाथ कोविंद का कार्यकाल जुलाई 2022 में समाप्त हो रहा है। अब अगले राष्ट्रपति के नाम पर चर्चा प्रारंभ हो चुकी है, मीडिया में ना सही परंतु राजनीतिक दलों में यह चर्चा जरूर हो रही है।
कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर एक अभियान चला जिसमें रतन टाटा को देश का राष्ट्रपति बनाए जाने का निवेदन किया जा रहा था।
ट्विटर पर #RatanTata4President अभियान शुरू किया गया था, जिसमें कई लोगों ने इस बात का समर्थन किया, कहा जा रहा है रतन टाटा की छवि बहुत अच्छी है इसलिए इस सर्वोच्च पद के योग्य श्री रतन टाटा जी हैं, परंतु इस अभियान को लेकर रतन टाटा जी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
कुछ मीडिया पत्रकार अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव मैं तत्कालीन उपराष्ट्रपति श्री बताया नायडू का नाम सुझा रहे हैं, वर्तमान उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू, बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं , अटल बिहारी वाजपेई एवं नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री भी रहे है।
वेंकैया नायडू को राष्ट्रपति चुनने के लिए एक लघु परंपरा को तोड़ने की आवश्यकता पड़ेगी, जहां प्रथम उप राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बाद किसी पद को इस पद पर दो बार नहीं चुना गया, नायडू से पहले तीन उप राष्ट्रपतियों को राष्ट्रपति बनने का सौभाग्य प्राप्त नहीं हुआ, कृष्णकांत, भैरों सिंह शेखावत और मोहम्मद हामिद अंसारी यह नाम उन सूची में शामिल है कारण था केंद्र में सरकार का परिवर्तन।
कृष्णकांत का कार्यकाल जब 2002 में संपन्न हुआ तो उस समय अटल बिहारी बाजपेई प्रधानमंत्री थे।
डॉक्टर अब्दुल कलाम के रूप में ऐसे व्यक्ति का नाम पर चर्चा हुई जिस पर वामदलों के अलवा सभी दलों ने अपनी सहमति जाहिर की, 2017 राष्ट्रपति चुनाव के मुकाबले इस वर्ष भी NDA की स्थिति मजबूत है इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि इस साल भी राष्ट्रपति एनडीए द्वारा मनोनीत व्यक्ति राष्ट्रपति चुना जाएगा।
राष्ट्रपति पद के लिए सूची में और नाम शामिल किए जा सकते हैं।
वर्तमान उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को राष्ट्रपति चुने जाने में कोई बाधा नहीं आएगी, परंतु इस संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि केंद्र की मोदी सरकार इस वर्ष भी किसी दूसरे प्रत्याशी को सामने ले आई इतना तो तय है कि एनडीए का प्रत्याशी जो भी होगा वह बीजेपी से ही होगा।
यदि राज्यपाल की सूची पर नजर डालें जो कि राष्ट्रपति पद के दावेदार बन सकते हैं उसमें सबसे प्रथम नाम केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का है, बीजेपी के अंदर लोगों का मानना यह है कि मोहम्मद आरिफ खान अगर राष्ट्रपति नहीं बने तो उन्हें उपराष्ट्रपति जरूर बनाया जाएगा। मोहम्मद आरिफ खान संविधान के विशेषज्ञ माने जाते हैं।
आरिफ मोहम्मद खान को राष्ट्रपति बनाए जाने से 2024 में लोकसभा चुनाव में भाजपा मुस्लिम मतदाताओं को आकर्षित कर सकती है।
आगामी पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव राष्ट्रपति चुनाव पर डालेंगे असर देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। पांचों राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे देश के अगले राष्ट्रपति चुनाव में काफी अहम होने वाले हैं। जुलाई माह में संभावित राष्ट्रपति चुनाव में इन पांच राज्यों के नवनिर्वाचित विधायक अहम रोल अदा करेंगे। इन पांच राज्यों के नतीजे ना सिर्फ 690 विधायकों के भविष्य का फैसला करेंगे बल्कि 19 राज्यसभा के सांसदों की भी सीट खाली हो रही है उनके चयन में भी यह नतीजे अहम रहने वाले हैं। बता दें कि चुने हुए विधायक और सांसद राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा लेते हैं, ऐसे में जिस पार्टी के पास सबसे अधिक विधायक और सांसद होते हैं उसके उम्मीदवार के राष्ट्रपति चुनाव चीतने की संभावना अधिक रहती है।
आप क्या सोचते हैं भारत का अगला राष्ट्रपति किसे बनाना चाहिए, हमारे सर्वेक्षण में अपनी राय हमें बताएं?
कौन बनेगा भारत का अगला राष्ट्रपति
— Lawtantra (@lawtantra) January 20, 2022
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